Add To collaction

मेरा क्या कसूर?

कहानी
मेरा क्या कसूर?
*************
          आखिर आज जब वह अपने पैरों पर खड़ा हो गया तो फिर  वापस जाने का सवाल कहाँ से आ गया?  अनाथ आश्रम के इंचार्ज को उसने साफ शब्दों में बता दिया था।
           आज पहली बार रजत जान पाया था कि वह अनाथ नहीं है,वह भी तब जब उसका कथित बाप उसे लेने अनाथ आश्रम आया।उसे समझ नहीं आया कि आखिर पच्चीस सालों से वह इस अनाथ आश्रम में है।इन पच्चीस सालों में एक बार भी उसकी खबर लेने वाला कोई नहीं था।यही अनाथ आश्रम उसका घर और यहाँ के अनाथ बच्चे ही उसके भाई बहन व स्टाफ के लोग ही माँ बाप थे।
              उसनें आश्रम के इंचार्ज से पूछा-आप बताइए कि इनकी कहानी को अगर सच भी माना जाय तो भी मेरे जन्म के समय मेरी माँ की मौत के लिए मेरा कसूर क्या था?फिर जब माँ की मौत का जिम्मेदार मै हूँ तो अब ऐसा क्या हो गया कि अचानक इस इंसान के दिल से मेरे कसूरवार न होने का अहसास हो गया।सच ये सर कि इन्हें कोई भ्रम या पश्चाताप नहीं मेरी नौकरी इनको यहाँ ले आयी।
            मैं आपको और इन्हें भी बता देता हूंँ कि जिस आश्रम और आश्रम के स्टाफ ने अपनी औलाद समझकर अपना आँचल अपना प्यार दिया, कभी हम अनाथों को अनाथ नहीं समझा, उसे छोड़कर बाहर की दुनियाँ के रिश्तों में बँधना मेरे लिए संभव नहीं है।आश्रम के भाई बहनों के प्रति मैं अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़कर नहीं जा सकता।उनके स्नेह, प्यार, सम्मान का अपमान नहीं कर सकता।अपने अधिकतम प्रयास से मैं अपने इन भाई बहनों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए आश्रम को मेरी जरूरत है।
          सारा आश्रम साक्षी है कि मैंनें आपसे कभी सिर उठा के बात नहीं की। ,परंतु आज मैं विवश हूँ।फिर भी अगर आप विवश करेंगे तो आश्रम से मैं नहीं मेरी लाश जायेगी।इतना कहकर रजत रोते हुए तेजी से बाहर निकल गया।
          इंचार्ज महोदय कभी रजत के कथित बाप को कभी उस दरवाजे को देखते जिससे रजत निकलकर गया था।अब उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं था,जबकि रजत के पिता को उनका उत्तर मिल चुका था।
🖍सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
@मौलिक, स्वरचित, 

   19
11 Comments

sunanda

01-Feb-2023 03:29 PM

beautiful story

Reply

Ali Ahmad

05-Mar-2022 07:36 PM

Bahut khoob

Reply

Inayat

05-Mar-2022 01:03 AM

👌👌👌

Reply